दिग्गज रूसी कंपनी रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी ने सोमवार को अपनी रिफाइनरी से जुड़ी डाउनस्ट्रीम परियोजनाओं में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की अपनी योजना की पुष्टि की। इसके साथ ही कंपनी ने यूरोपीय संघ की तरफ से खुद पर लगाए गए नवीनतम प्रतिबंधों को अन्यायपूर्ण और भारत के हितों के लिहाज से नुकसानदेह बताया। रोसनेफ्ट ने भी एक दिन पहले अपनी भारतीय इकाई नायरा एनर्जी पर लगाए गए प्रतिबंधों को अनुचित, अवैध और भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए सीधा खतरा करार दिया था। नायरा ने अपने बयान में कहा कि यूरोपीय संघ के प्रतिबंध ‘लाखों भारतीय नागरिकों और उद्योगों के लिए आवश्यक पेट्रोलियम उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति को बाधित करने का जोखिम पैदा करते हैं।